Poetry
खुद को ढूंढ़ने का क्या अजीब खेल है यह
जब हम मासूम थे, तब हमे मालूम न था। अब हमे मालूम है, पर अब मासूमियत लापता है।
Poetry
जब हम मासूम थे, तब हमे मालूम न था। अब हमे मालूम है, पर अब मासूमियत लापता है।
Hindi
एक समय की बात है, एक पेड़ की जड़ ने फैसला लिया। वह यह कि अब से वह उस पर चढ़ाया गया जल का काम से कम उपयोग करेगी और अधिक से अधिक त्याग करेगी। और यह
Poetry
मेरे ख्याल से दोनों ही अपनी-अपनी जगह उपयुक्त हैं, उचित हैं। न ही टूटे दिल से उठने वाले उफान को दबाना चाहिए...